भाई दूज का महत्व
भाईदूज के दिन भाई, बहिन के घर का ही खाना खाए। ऐसा करने से भाई की आयुवृद्धि होती है। पहला कौर बहिन के हाथ से खाएं। स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन जो बहिन के हाथ से भोजन करता है, वह धन एवं उत्तम सम्पदा को प्राप्त होता है। अगर बहिन न हो तो मुँहबोली बहिन या मौसी/मामा की पुत्री को बहिन मान ले। अगर वह भी न…
रक्षासूत्र बाँधने एवं बँधवाने के शुभ मुहूर्त
🐚🏵️ *रक्षाबंधन पर्व* 🏵️🐚 दिनांक 22 अगस्त 2021 रविवार *रक्षासूत्र बाँधने एवं बँधवाने के शुभ मुहूर्त* रक्षाबंधन पर्व पर श्रवणकुमार का पूजन करने के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त- *अपराह्न मुहूर्त -* दोप. 12.03 मि. से 12.27 मि. तक (अभिजीत+अमृत चौघड़िया) इस वर्ष सम्पूर्ण दिवस पर्यंत भद्रा नहीं होने से शुभ समय…
राखी बांधने का है शुभ मुहूर्त, इस तरह से मनाए रक्षाबंधन का त्यौहार जानिए किस समय राखी बांधने का है शुभ मुहूर्त, इस तरह से मनाए रक्षाबंधन का त्योहार रक्षा बंधन महापर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। 3 अगस्त श्रावण का आखरी सोमवार है ,भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह पर्व पारंपरिक उत्‍साह और उमंग के साथ सोमवार को मनाया जाएगा । इस बार राखी पर दुर्लभ एवं शुभ संयोगों कई वर्षों बाद बन रहे है , मां शीतला संस्कृत पाठशाला के आचार्य अंकित मार्कण्डेय के अनुसार पर इस बार रक्षाबंधन पर यह योग रहेंगे सर्वार्थ सिद्धि योग, आनन्दादि सिद्धि योग, रवि योग,एवं श्रवण नक्षत्र, दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और प्रीति योग बन रहा है, जो बहुत फलदायी है। शुभ योग श्रावण पूर्णिमा को सावन का पांचवां सोमवार है। सुबह 6 बजकर 41 मिनट के बाद 28 योगों में सर्वश्रेष्ठ आयुष्मान योग इस समय विद्यमान रहेगा। सुबह 7 बजकर 19 मिनट के बाद पश्चात श्रवण नक्षत्र आ जाएगा, जो सिद्धि योग का निर्माण करेगा। सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर भद्रा भी समाप्त हो जाएगी। इस साल पर्व पर सिद्धि और आयुष्मान योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहनों की दीर्घायु, समृद्धि,सुख, सौभाग्य से परिपूर्ण रहेगा। श्रावणी इस दिन श्रावणी उपाकर्म होता है जो ब्राह्मणों के लिए जरूरी होता है, ब्राह्मण को गंगा नर्मदा या किसी भी पवित्र नदी में हेमाद्रि स्नान करने के बाद नवीन जनेऊ धारण करते हैं। हेमाद्रि स्नान में गोमूत्र, गोबर मिट्टी, दूध, दही पञ्चगव्य, आदि नाना प्रकार से स्नान किया जाता है। यह अनोखा कार्यक्रम वर्ष में एक बार हर ब्राह्मण को करना आवश्यक है। भद्रा 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 25 मिनट से आरंभ हो जाएगा। राखी बांधने का शुभमुहूर्त सर्व प्रथम अपने घर मंदिर के भगवान की पूजा करे राखी बांधे उन्हें भोग लगाएं उसके पश्चात बहने अपने भाईयो की कलाईयों पर शुभ मुहूर्त में राखी बांधे: शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:07 से 12:59 रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त- 07:15 से 9:21 तक। उत्तम- सुबह – 09.30 बजे से 10.30 बजे तक (शुभ) सामान्य- दोपहर – 02:12 बजे से शाम 03:50 तक (चर) उन्नति- शाम – 03:50 बजे से रात 05:29 तक (लाभ) सर्वोत्तम- शाम 05:29 बजे से रात 07:07 तक (अमृत) सामान्य- रात 07:07 बजे से रात 08:29 तक (चर) राखी बांधते समय पढ़ें यह मंत्र राखी बांधते समय बहनों को यह मंत्र पढ़ना चाहिए ताकि इसका शुभ परिणाम मिल सके। यह रक्षा सूत्र: अगर राखी बांधते समय बहनें रक्षा सूत्र पढ़ती हैं तो यह बेहद ही शुभ होता है। इस रक्षा सूत्र का वर्णन महाभारत में भी आता है। रक्षासूत्र बांधने का मंत्र है येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:। यह है रक्षाबंधन की पूजा विधि रक्षाबंधन के पवित्र पर्व के दिन आप सुबह स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसे बाद आरती एवं पूजा की थाली सजाएं जिसमें राखी के साथ रोली, चंदन, अक्षत, मिष्ठान और पुष्प रखें। इस थाली में घी का एक दीपक भी जलाएं। इस थाल को अब आप अपने पूजा स्थान पर रख दें। सभी देवी देवातओं का स्मरण करें। धूप जलाएं और पूजा करें। फिर भगवान का आर्शीवाद लें। भाई की आरती कर उसकी कलाई में राखी बांधें। भद्रा में नही बांधना चाहिए राखी शास्त्रीय विधान की मान्‍यताओं के अनुसार रक्षाबंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित काल में ही मनाया जाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि- भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी। अतः हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार यह पर्व 3 अगस्त 2020 को भद्रा रहित काल में ही मनाया जाएगा। परंतु किसी कारण के चलते भद्रा काल में यह कार्य करना हो तो भद्रा मुख को छोड़कर भद्रा पुच्छ काल में यह पर्व मनाया जाना ही श्रेष्‍ठ होगा।
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मंत्री बिसाहूलाल सिंह का बयान- अगस्त महीने से बनेगी हितग्राहियों की खाद्यान्न पर्ची मध्यप्रदेश में कोरोना संकटकाल से जूझ रहे गरीब मजदूरों के लिए शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत प्रदेश के करीब 36 लाख 86 हजार गरीब मजदूरों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत उचित मूल्य पर राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। जिसको लेकर अब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि अगस्त माह से खाद्यान्न पात्रता पर्ची बनाई जाएगी। जिसके बाद इसका फायदा उन हितग्राहियों को होगा जो निशुल्क राशन प्राप्त करने की पात्रता तो रखते हैं किंतु खाद्यान्न पर्ची ना होने की वजह से वह इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के लिये प्रदेश के 36 लाख 86 हजार मजदूरों के लिये अगस्त माह से खाद्यान्न पर्ची बनाई जाएगी। ये हितग्राही नि:शुल्क राशन प्राप्त करने की पात्रता रखते है, परन्तु खाद्यान्न पर्ची न होने के कारण वे इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे थे। खाद्यमंत्री सिंह मंत्रालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे। खाद्यमंत्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में राशन प्राप्त करने वाले सभी हितग्राहियों का सत्यापन अभियान चलाया गया है। सत्यापन में अपात्र पाये गये लोगों के नाम काटने और पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर खाद्यान्न वितरित किया जायेगा। मंत्री सिंह ने कहा है कि वर्तमान समय में सम्मिलित हितग्राहियों में से 1 करोड़ 37 लाख हितग्राहियों के डेटा में आधार नंबर सीडिंग कर दिये गये। विगत दिनों में लगभग 25 लाख हितग्राहियों के डाटा बेस में आधार सीडिंग का कार्य किया गया है। शेष हितग्राहियों का डाटा बेस माह जुलाई एवं अगस्त में आधार सीडिंग का कार्य पूरा किया जायेगा। हितग्राहियों को 31 अगस्त के पश्चात आधार नंबर उपलब्ध कराने पर राशन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर अभियान अंतर्गत माईग्रेट लेबर यदि किसी दूसरे राज्य में जाता है तो लेबर द्वारा कलेक्टर को जानकारी देना होगी तथा जिलों में उनका पंजीयन होगा। पंजीयन के उपरांत अगर कोई श्रमिक राज्य से बाहर किसी भी प्रदेश में कार्य करने जाता हैं तो उन्हें उसी राज्य में राशन उपलब्ध कराया जायेगा। प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में कुल 25 हजार 119 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं, जिसमें से शहरी क्षेत्र में 4 हजार 188 और ग्रामीण क्षेत्र में 20 हजार 937 संचालित हैं। शहरी क्षेत्र में संचालित दुकानें प्राथमिक उपभोक्ता भंडारों एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य रूप से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की संस्थाओं द्वारा 15 हजार 500 दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा वन उपज संस्था 731 महिला स्व-सहायता समूह एवं कुछ जिलों में प्राथमिकता उपभोक्ता भण्डारों द्वारा भी दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव खाद्य शिवशेखर शुक्ला, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल और श्रीमन शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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प्रयाग में 10 जनवरी से शुरू होगा मेला
10 जनवरी से शुरू होगा प्रयाग में माघ मेला, जानें धार्मिक महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इस माह में स्नान, दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह महीना बहुत पवित्र माना जाता है और इस दौरान प्रयागराज में मेला भी लगता है। जो कि इस साल 10 जनवरी से शुरु हो…
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